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Gopal Chalisa Lyrics in Hindi and English

Gopal Chalisa Lyrics in Hindi & English

 Shri Gopal Chalisa in Hindi

|| श्री गोपाल चालीसा हिंदी  ||

| | दोहा | |

श्री राधापद कमल रज, सिर धरि यमुना कूल |

वरणो चालीसा सरस, सकल सुमंगल मूल | |

| | चौपाई | |

जय जय पूरण ब्रह्म बिहारी, दुष्ट दलन लीला अवतारी |

जो कोई तुम्हरी लीला गावै, बिन श्रम सकल पदारथ पावै |

श्री वसुदेव देवकी माता, प्रकट भये संग हलधर भ्राता |

मथुरा सों प्रभु गोकुल आये, नन्द भवन मे बजत बधाये |

जो विष देन पूतना आई, सो मुक्ति दै धाम पठाई |

तृणावर्त राक्षस संहारयौ, पग बढ़ाय सकटासुर मार्यौ |

खेल खेल में माटी खाई, मुख मे सब जग दियो दिखाई |

गोपिन घर घर माखन खायो, जसुमति बाल केलि सुख पायो |

ऊखल सों निज अंग बँधाई, यमलार्जुन जड़ योनि छुड़ाई |

बका असुर की चोंच विदारी, विकट अघासुर दियो सँहारी |

ब्रह्मा बालक वत्स चुराये, मोहन को मोहन हित आये |

बाल वत्स सब बने मुरारी, ब्रह्मा विनय करी तब भारी |

काली नाग नाथि भगवाना, दावानल को कीन्हों पाना |

सखन संग खेलत सुख पायो, श्रीदामा निज कन्ध चढ़ायो |

चीर हरन करि सीख सिखाई, नख पर गिरवर लियो उठाई |

दरश यज्ञ पत्निन को दीन्हों, राधा प्रेम सुधा सुख लीन्हों |

नन्दहिं वरुण लोक सों लाये, ग्वालन को निज लोक दिखाये |

शरद चन्द्र लखि वेणु बजाई, अति सुख दीन्हों रास रचाई |

अजगर सों पितु चरण छुड़ायो, शंखचूड़ को मूड़ गिरायो |

हने अरिष्टा सुर अरु केशी, व्योमासुर मार्यो छल वेषी |

व्याकुल ब्रज तजि मथुरा आये, मारि कंस यदुवंश बसाये |

मात पिता की बन्दि छुड़ाई, सान्दीपन गृह विघा पाई |

पुनि पठयौ ब्रज ऊधौ ज्ञानी, पे्रम देखि सुधि सकल भुलानी |

कीन्हीं कुबरी सुन्दर नारी, हरि लाये रुक्मिणि सुकुमारी |

भौमासुर हनि भक्त छुड़ाये, सुरन जीति सुरतरु महि लाये |

दन्तवक्र शिशुपाल संहारे, खग मृग नृग अरु बधिक उधारे |

दीन सुदामा धनपति कीन्हों, पारथ रथ सारथि यश लीन्हों |

गीता ज्ञान सिखावन हारे, अर्जुन मोह मिटावन हारे |

केला भक्त बिदुर घर पायो, युद्ध महाभारत रचवायो |

द्रुपद सुता को चीर बढ़ायो, गर्भ परीक्षित जरत बचायो |

कच्छ मच्छ वाराह अहीशा, बावन कल्की बुद्धि मुनीशा |

ह्वै नृसिंह प्रह्लाद उबार्यो, राम रुप धरि रावण मार्यो |

जय मधु कैटभ दैत्य हनैया, अम्बरीय प्रिय चक्र धरैया |

ब्याध अजामिल दीन्हें तारी, शबरी अरु गणिका सी नारी |

गरुड़ासन गज फन्द निकन्दन, देहु दरश धु्रव नयनानन्दन |

देहु शुद्ध सन्तन कर सग्ड़ा, बाढ़ै प्रेम भक्ति रस रग्ड़ा |

देहु दिव्य वृन्दावन बासा, छूटै मृग तृष्णा जग आशा |

तुम्हरो ध्यान धरत शिव नारद, शुक सनकादिक ब्रह्म विशारद |

जय जय राधारमण कृपाला, हरण सकल संकट भ्रम जाला |

बिनसैं बिघन रोग दुःख भारी, जो सुमरैं जगपति गिरधारी |

जो सत बार पढ़ै चालीसा, देहि सकल बाँछित फल शीशा |

| | छन्द | |

गोपाल चालीसा पढ़ै नित, नेम सों चित्त लावई |

सो दिव्य तन धरि अन्त महँ, गोलोक धाम सिधावई | |

संसार सुख सम्पत्ति सकल, जो भक्तजन सन महँ चहैं |

ट्टजयरामदेव’ सदैव सो, गुरुदेव दाया सों लहैं | |

| | दोहा | |

प्रणत पाल अशरण शरण, करुणा-सिन्धु ब्रजेश |

चालीसा के संग मोहि, अपनावहु प्राणेश | |


Shri Gopal Chalisa in English

|| Doha ||

Shri Radhapad Kamal Raj, Sir Dhari Yamuna Kul.

Varno Chalisa Saras, Sakal Sumangal Mul.


|| Choupai ||

Jai Jai Pooran Brahm Bihari, Dusht Dalan Lila Avtari.

Jo Koi Tumhari Lila Gave, Bin Shram Sakal Padarath Pave.

Shri Vasudev Devki Mata, Prakat Bhaye Sang Haldhar Bhrata.

Mathura So Prabhu Gokul Aaye, Nand Bhavan Me Bajat Badhaye.

Jo Vish Den Pootna Aayi, So Mukti De Dham Pathayi.

Trinavart Rakshas Sanharayo, Pag Badhay Saktasur Maaryo.

Khel Khel Me Maati Khayi, Mukh Me Sab Jag Diyo Dikhayi.

Gopin Ghar Ghar Maakhan Khayo, Jasumati Baal Keli Sukh Paayo.

Ukhal So Nij Ang Bandhayi, Yamlarjun Jar Yoni Chhurai.

Baka Asur Ki Chonch Vidari, Vikat Aghasur Diyo Sanhari.

Brahma Baalak Vats Churaye, Mohan Ko Mohan Hit Aaye.

Baal Vats Sab Bane Murari, Brahma Vinay Kari Tab Bhari.

Kali Naag Nathi Bhagwana, Dawanal Ko Kinho Pana.

Sakhan Sang Khelat Sukh Payo, Shridama Nij Kandh Chadhayo.

Cheer Haran Kari Sikh Sikhayi, Nakh Par Girvar Liyo Uthayi.

Darash Yagya Patinin Ko Dinho, Radha Prem Sudha Sukh Linhon.

Nandahin Varun Lok So Laaye, Gwalan Ko Nij Lok Dikhaye.

Sharad Chandra Lakhi Venu Bajai, Ati Sukh Dinho Raas Rachai.

Ajgar So Pitu Charan Churayo, Shankhchoor Ko Mood Girayo.

Hane Arishta Sur Aru Keshi, Vyomasur Maaryo Chhal Veshi.

Vyakul Braj Taji Mathura Aaye, Maari Kans Yaduvansh Basaye.

Maat Pita Ki Bandi Chhurai, Saandipan Grih Vidha Paayi.

Puni Pathyo Braj Udhau Gyani, Prem Dekhi Sudhi Sakal Bhulani.

Kinhi Kubri Sundar Naari, Hari Laaye Rukmani Sukumari.

Bhoumasur Hani Bhakt Churaye, Suran Jiti Surtaru Mahi Laye.

Dantvakra Shishupal Sanhare, Khag Mrig Nrig Aru Badhik Udhare.

Din Sudama Dhanpati Kinho, Parath Rath Sarthi Yash Linho.

Gita Gyan Sikhavan Hare, Arjun Moh Mitavan Hare.

Kela Bhakt Bidur Ghar Payo, Yudh Mahabharat Rachvayo.

Drupad Suta Ko Chir Badhayo, Garbh Parikshit Jarat Bachayo.

Kachch Machch Varah Ahisha, Bavan Kalki Buddhi Munisha.

Hai Nrisingh Prahalad Ubaryo, Ram Rup Dhari Ravan Maryo.

Jai Madhu Kaitabh Daitya Haneya, Ambariya Priya Chakra Dhareya.

Byadh Ajamil Dinhe Tari, Shabari Aru Ganika Si Nari.

Garudasan Gaj Phand Nikandan, Dehu Darash Dhurav Nayananandan.

Dehu Shudh Santan Kar Sanga, Badhe Prem Bhakti Ras Ranga.

Dehu Divya Vrindavan Basa, Chute Mrig Trishna Jag Aasha.

Tumharo Dhyan Dharat Shiv Narad, Shuk Sankadik Brahm Visharad.

Jai Jai Radharaman Kripala, Haran Sakal Sankat Bhram Jala.

Binse Bighna Rog Dukh Bhari, Jo Sumre Jagpati Girdhari.

Jo Sat Bar Padhe Chalisa, Dehi Sakal Banchhit Phal Shisha.


|| Chhand ||

Gopal Chalisa Padhe Nit, Nem So Chit Lavai.

So Divya Tan Dhari Ant Mahn, Golok Dham Sidhawayi.

Sansar Sukh Sampati Sakal, Jo BhaktaJan San Mahn Chahe.

Jai Ramdev Sadev So, Gurudev Daya So Lahe.


|| Doha ||

Pranat Paal Asharan Sharan, Karuna Sindhu Brajesh.

Chalisa Ke Sang Mohi, Apnavahu Pranesh.

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